गोपाल झा अभिषेक
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आउ स्वप्न साझी करी
अभिषेक जीक कविता सभ पाठककें संवेदनशील बनबैत अछि। अपन सहज प्रस्तुति आ सरल शब्दक संग कविता सभ कथ्यकें पाठक धरि सुगमतासँ पहुँचेबामे पूर्ण सक्षम अछि। अपन सहज प्रवाह आ प्रचलित शब्द विन्यासमे कविता पाठककें चिंतन पर बाध्य करैत अछि। आ ई सभटा मिलि कविताकें सफ
आउ स्वप्न साझी करी
अभिषेक जीक कविता सभ पाठककें संवेदनशील बनबैत अछि। अपन सहज प्रस्तुति आ सरल शब्दक संग कविता सभ कथ्यकें पाठक धरि सुगमतासँ पहुँचेबामे पूर्ण सक्षम अछि। अपन सहज प्रवाह आ प्रचलित शब्द विन्यासमे कविता पाठककें चिंतन पर बाध्य करैत अछि। आ ई सभटा मिलि कविताकें सफ
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