‘हमहूँ जेबै इसकुल‘ मनोज कामत द्वारा लिखित एकटा बाल-नाटक अछि। जे मीना मंचसँ प्रभावित भ‘लिखल गेल अछि। मीना मंच बिहार सरकार शिक्षा विभागक एक कार्यवाही अछि। जे केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा यूनिसेफकेँ मदतिसँ चलाओल जा रहल अछि। कोनहु राष्ट्रक विकासक आधार ओहि राष्ट्रक शिक्षा पर निर्भर करैत अछि। स्वतंत्रता प्राप्तिक बाद देशमे सर्वभौमीकरणक दिशामे वहूतायत प्रयास कएल गेल मुदा आइओ बालिका शिक्षाक मार्गमे बहुत रास अरचनसभ देखल जा रहल अछि। ओहि अरचनसभक निदान आ विद्यालयमे बलिकाक नामांकन एवं ठहराओ पर जोर देबाक लेल मीना कैम्पेनकेँ शुरुआत कएल गेल आ ई अनुभव कएल गेल जे बालिकासभक सम्पूर्ण सशक्तिकरणक गप करबाक अछि तँ हमरालोकनिकेँ लिंगभेद दूर करब आ समाजक दृष्टिकोणकेँ बदलबाक प्रयास करए पड़त। संगहि ई अनुभव कएल गेल जे एहि मुद्दा पर सोझे बालिकासभसँ गप करब बेसी प्रभावशाली होएत। मीना एकटा बालिका अछि, जे यूनीसेफक परिकल्पना अछि। जे उत्साहसँ भरल अछि। जकर सोच सकारात्मक अछि, ओ प्रश्न करएसँ झिझकै नहि छथि। ओ कमजोर वर्गक लेल अवाज उठबैत छथि आ परिवारजन, मित्रलोकनि आ समाजक मदति करबाक लेल संवेदनशील अछि। एहि नाटकमे मीना अपन भाइकेँ सभ दिन इसकुल छोड़ए लेल जाइ छथि आ ओतए अपना तुरियासभकेँ पढ़ैत देखि स्वयं पढ़ैकेँ इच्छा व्यक्त करैत छथि— शिक्षकक सोझाँ... आगु ई कथानक बहुत रोचक ढंगे बढ़ैत अछि आ अंत बहुत सुखद होइत अछि। Read more