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About अनुप्रास प्रकाशन समूह

मैथिलीक उत्कृष्ट साहित्यक प्रकाशन... Contact Info INDRA PARISAR, Laheriya Ganj, Madhubani, Bihar 847215, India website - https://anuprasprakashan.com/contact-us/

Books of अनुप्रास प्रकाशन समूह

MRITYULEELA

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अपन रचनामे नव-नव कथावस्तु आ भाव-भूमि तकैत रहब जिनक लेखनक स्वाभाव छनि। नव-नव आ अद्यतन विषयसभकेँ प्रमुखतासँ अपन रचनामे समाहित कएनिहार मैथिलीक विरल साहित्यकार प्रदीप बिहारीजीक उपन्यास ‘मृत्युलीला’ विश्वक चर्चित महामारी ‘कोरोना’क त्रासदी पर केन्द्रित अछि

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MRITYULEELA

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अपन रचनामे नव-नव कथावस्तु आ भाव-भूमि तकैत रहब जिनक लेखनक स्वाभाव छनि। नव-नव आ अद्यतन विषयसभकेँ प्रमुखतासँ अपन रचनामे समाहित कएनिहार मैथिलीक विरल साहित्यकार प्रदीप बिहारीजीक उपन्यास ‘मृत्युलीला’ विश्वक चर्चित महामारी ‘कोरोना’क त्रासदी पर केन्द्रित अछि

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परिचय शतक

परिचय शतक

श्रीमधुपजी स्वभावत: कवि हैं। कविता की रचना इनका स्वभाव हो गया है और अब तो इसे इनका व्यवसाय कहें तो भी अत्युक्ति नही। सहजात कवित्व-प्रतिभा को पुष्ट कर इन्होंने इतनी रचनाएँ की हैं कि वर्तमान कवि-मंडली में परिमाण में भी सब से उत्कृष्ट इनकी कृतियाँ ही कह

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199/-

परिचय शतक

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श्रीमधुपजी स्वभावत: कवि हैं। कविता की रचना इनका स्वभाव हो गया है और अब तो इसे इनका व्यवसाय कहें तो भी अत्युक्ति नही। सहजात कवित्व-प्रतिभा को पुष्ट कर इन्होंने इतनी रचनाएँ की हैं कि वर्तमान कवि-मंडली में परिमाण में भी सब से उत्कृष्ट इनकी कृतियाँ ही कह

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Collected Essays in Maithili II (2015-2022)

Collected Essays in Maithili II (2015-2022)

अनुप्रास प्रकाशन समूह अपन आरम्भहिसँ पोथी प्रकाशनक क्षेत्रमे नव-नव आयाम जोड़बाकलेल प्रयत्नशील रहल अछि। पूर्वमे प्रकाशित एहि प्रकाशनक पोथीसभकेँ पाठक आ लेखकलोकनिक अपार सिनेह भेटल अछि। एहि क्रममे प्रस्तुत अछि प्रसिद्ध भाषावैज्ञानिक प्रा. रामावतार यादवक 80

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Collected Essays in Maithili II (2015-2022)

Collected Essays in Maithili II (2015-2022)

अनुप्रास प्रकाशन समूह अपन आरम्भहिसँ पोथी प्रकाशनक क्षेत्रमे नव-नव आयाम जोड़बाकलेल प्रयत्नशील रहल अछि। पूर्वमे प्रकाशित एहि प्रकाशनक पोथीसभकेँ पाठक आ लेखकलोकनिक अपार सिनेह भेटल अछि। एहि क्रममे प्रस्तुत अछि प्रसिद्ध भाषावैज्ञानिक प्रा. रामावतार यादवक 80

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SPEED POST

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— की भ’ रहल छैक मास्सैब? — सरकारी फंडसँ पोथी सभ किनलियैक अछि। तकरे सैंत क’ बक्कसमे बन्न क’ रहल छियैक यौ। — बच्चा-बुतरूकेँ पढ़’ लेल ने दितियैक? — नहि यौ! फाटि-चिट जेतैक आ हेरा-ढेरा दै जाइ जेतैक त’ जाँचबला हाकिमकेँ की जबाब देबै ? कह’ लागत जे बलु मास्टर

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— की भ’ रहल छैक मास्सैब? — सरकारी फंडसँ पोथी सभ किनलियैक अछि। तकरे सैंत क’ बक्कसमे बन्न क’ रहल छियैक यौ। — बच्चा-बुतरूकेँ पढ़’ लेल ने दितियैक? — नहि यौ! फाटि-चिट जेतैक आ हेरा-ढेरा दै जाइ जेतैक त’ जाँचबला हाकिमकेँ की जबाब देबै ? कह’ लागत जे बलु मास्टर

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MAITHILI GEET : PARAMPRASAN AIDHARI

MAITHILI GEET : PARAMPRASAN AIDHARI

मैथिली लोकगीत अपनामे लोकजीवनक संस्कार,आचार-विचार,विधि-व्यवहारकेँ समेटने रहैत अछि।लोकगीत लोकक बीच स्नेह,भ्रातृत्व,सामूहिक जीवनक उल्लास एवं समरसताकेँ बढ़बैत अछि।ई लोककेँ अपन संस्कारक प्रति सचेष्ट एवं धर्मोन्मुख करैत अछि।लोकगीत दुःख-दारिद्र्य,नैराश्यक प

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MAITHILI GEET : PARAMPRASAN AIDHARI

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मैथिली लोकगीत अपनामे लोकजीवनक संस्कार,आचार-विचार,विधि-व्यवहारकेँ समेटने रहैत अछि।लोकगीत लोकक बीच स्नेह,भ्रातृत्व,सामूहिक जीवनक उल्लास एवं समरसताकेँ बढ़बैत अछि।ई लोककेँ अपन संस्कारक प्रति सचेष्ट एवं धर्मोन्मुख करैत अछि।लोकगीत दुःख-दारिद्र्य,नैराश्यक प

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KONO TUTAL ACHHI TANTOO

KONO TUTAL ACHHI TANTOO

नारायणजी मैथिलीक महत्वपूर्ण कवि छथि। 'कोनो टूटल अछि तन्तु' हिनक पाँचम कविता संग्रह थिक। ई मनुष्यताक क्षरणकेँ अपन कविताक मुख्य विषय बनौने छथि। हिनक कवितामे हर्ष-विषाद, सुख-दुख आ आशा-निराशाक बीच करुणासँ भिजैत मनुष्यक दर्शन होइत अछि। हिनक कवितामे प्रकृत

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165/-

KONO TUTAL ACHHI TANTOO

KONO TUTAL ACHHI TANTOO

नारायणजी मैथिलीक महत्वपूर्ण कवि छथि। 'कोनो टूटल अछि तन्तु' हिनक पाँचम कविता संग्रह थिक। ई मनुष्यताक क्षरणकेँ अपन कविताक मुख्य विषय बनौने छथि। हिनक कवितामे हर्ष-विषाद, सुख-दुख आ आशा-निराशाक बीच करुणासँ भिजैत मनुष्यक दर्शन होइत अछि। हिनक कवितामे प्रकृत

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KABIR AA HUNAK MAITHILI PADAWALI

KABIR AA HUNAK MAITHILI PADAWALI

‘कबीर आ हुनक मैथिली पदावली’मे पहिल बेर कबीरपर व्यवस्थित ढंगसँ विचार कएल गेल अछि जाहिमे एखन धरि भेल शोध सभक परिणाम संग नवीन विषय संधानपर सेहो पर्याप्त विचार प्रमाण पुरस्सर भेल अछि। अत्यन्त सजगताक संग वियोगीजी कबीरक मैथिली पदावलीक संकलन एवं पाठोद्धार क

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KABIR AA HUNAK MAITHILI PADAWALI

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‘कबीर आ हुनक मैथिली पदावली’मे पहिल बेर कबीरपर व्यवस्थित ढंगसँ विचार कएल गेल अछि जाहिमे एखन धरि भेल शोध सभक परिणाम संग नवीन विषय संधानपर सेहो पर्याप्त विचार प्रमाण पुरस्सर भेल अछि। अत्यन्त सजगताक संग वियोगीजी कबीरक मैथिली पदावलीक संकलन एवं पाठोद्धार क

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PHULDALI

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RAJARSHI BHARAT

RAJARSHI BHARAT

मैथिलीओ मे हमरा जतेक पढ़ल बुझल अछि रामक समानान्तर भरत सन महानायक पर आइ धरि अत्यल्पहि लिखाएलय। एहना मे कवि सतीश जी एकटा विशेष अभावक सृजनात्मक आपूर्ति कयलनि अछि। काव्य पंडित शास्त्री समेत आधुनिक पाठक समाज एहि काव्यग्रंथक स्वागत अवश्ये करथिन से हमरा आशा

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RAJARSHI BHARAT

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मैथिलीओ मे हमरा जतेक पढ़ल बुझल अछि रामक समानान्तर भरत सन महानायक पर आइ धरि अत्यल्पहि लिखाएलय। एहना मे कवि सतीश जी एकटा विशेष अभावक सृजनात्मक आपूर्ति कयलनि अछि। काव्य पंडित शास्त्री समेत आधुनिक पाठक समाज एहि काव्यग्रंथक स्वागत अवश्ये करथिन से हमरा आशा

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भाइरस

भाइरस

लघुकथाक मूल तत्व छैक व्यंग्य । व्यंग्यक धार जतेक चोखगर, लघुकथा ओतबे सफल। आ ताहि लेल लघुकथाक आकारपर कोनो निर्भरता नहि होमक चाही। हँ, इहो पाओल जाइत अछि जे व्यंग्य सिरज'मे कथाकारपर हास्य हाबी भ' जाइत छैक। ई एकटा खतरनाक स्थिति होइत छैक। एहिसँ कथाकारकेँ ब

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भाइरस

लघुकथाक मूल तत्व छैक व्यंग्य । व्यंग्यक धार जतेक चोखगर, लघुकथा ओतबे सफल। आ ताहि लेल लघुकथाक आकारपर कोनो निर्भरता नहि होमक चाही। हँ, इहो पाओल जाइत अछि जे व्यंग्य सिरज'मे कथाकारपर हास्य हाबी भ' जाइत छैक। ई एकटा खतरनाक स्थिति होइत छैक। एहिसँ कथाकारकेँ ब

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अनुप्रास प्रकाशन समूह के लेख

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कोनो लेख नै भेटल
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