‘डीह’ उपन्यासमे लेखिकाकेँ नायक छन्हि डीह स्वयं! आर खलपात्र छन्हि परिस्थिति! जौं डीह परक लोककेँ आधुनिक समयसँ डेग मिला क’ चलक होइन्ह त’ से विलग होमहि पड़तैन्ह। एकटा विस्तृत कालखंड के समेटने छैक डीह। आज़ादी के समयसँ आइ धरि जखन लोक बेगरता लेल कि सुविधा ल
वन्दना झा लिखित मैथिली बाल कविता संग्रह Read more
पुस्तक मे संकलित कविता सब पढला संता स्पष्ट भए जाइत छैक जे कवयित्री लग ने तँ भावक अभाव बुझना जाइत अछि आ ने सुललित आ संतुलित शब्दभंडारक सहयोग सँ ओकरा प्रस्तुत करबाक कौशल मे कोनो प्रकारक असमंजस। आ ओही कौशल केर चमत्कार अछि जे पुस्तक केँ हम आद्योपांत कतेक
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मुक्ता मिश्रा साहित्यक क्षेत्र मे भने नव होइथ, मुदा साहित्य तँ हिनका खून मे छनि। छिटपुट रचना पत्र-पत्रिका मे प्रकाशित। पिता महान साहित्यकार राजकमल चौधरी आ पति स्व. बीरेंद्र मिश्राक मृत्योपरांत जे कटु अनुभव भेटलनि तकर मार्मिक वर्णन अद्भुत रुपें एहि पो